Pandit Ravishankar Shukla University Raipur – उच्च शिक्षा विभाग छग से जुड़े कॉलेजों में यूजी फर्स्ट ईयर की पढ़ाई सेमेस्टर प्रणाली से होगी। इस सिस्टम से छात्रों का खर्च बढेगा। इसके अनुसार एक साल में दो बार ने परीक्षा होगी। इस वजह से एग्जाम फीस दो बार देनी होगी। पिछले साल तक बीए, बीकॉम फर्स्ट ईयर के नियमित छात्रों की फीस 1100, स्वाध्यायी (प्राइवेट) की 1610 थी। इस क्लास के छात्रों को अब दोगुना खर्च करना होगा। वहीं दूसरी ओर सेकंड ईयर में इस साल भी एनुअल पैटर्न है। इस वजह से साल में एक बार ही परीक्षा होगी।
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– जानकारी के मुताबिक यूजी फर्स्ट ईयर में इसी सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लागू की गई है। इस वजह से न सिर्फ कोर्स बदला है, बल्कि पैटर्न में बदलाव किया गया है। सेमेस्टर लागू होने से अब हर छह-छह माह में परीक्षा होगी। इसे लेकर जानकारों का कहना है कि एक साल में दो बार एग्जाम फीस देना छात्रों के जेब पर बोझ जैसा है।
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इसमें कटौती की जानी चाहिए। क्योंकि, प्रदेश के कॉलेजों में यूजी की पढ़ाई करने वाले बड़ी संख्या में छात्र ग्रामीण इलाकों से आते हैं। एक साल में दो बार एग्जाम फीस देने से उन्हें परेशानी होगी। बीए, बीएससी, होमसाइंस, बीकॉम, बीसीए व बीबीए फर्स्ट ईयर की पढ़ाई एनईपी के अनुसर होगी। गौरतलब है कि प्रदेश के 9 राजकीय विश्वविद्यालय हैं। पं. सुंदरलाल शर्मा ओपन यूनिवर्सिटी बिलासपुर और इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ को छोड़कर अन्य विश्वविद्यालयों में यूजी में एनईपी इसी सत्र से लागू होगी। अगले साल इन दोनों विवि में भी लागू होगी।
नए सिस्टम से स्वाध्यायी छात्रों को परेशानी
एनईपी के अनुसार यूजी फर्स्ट ईयर में नया सिस्टम लागू किया जा रहा है। इससे स्वाध्यायी छात्रों को परेशानी होगी। उन्हें न सिर्फ फर्स्ट ईयर पास होने के लिए साल में दो बार परीक्षा देनी होगी, बल्कि कॉलेजों में रजिस्ट्रेशन करना होगा। आंतरिक परीक्षा भी देनी होगी। जानकारों का कहना है कि नई व्यवस्था से प्राइवेट छात्रों की संख्या पर कितना असर पड़ेगा यह अगस्त-सितंबर में पता चलेगा। दरअसल, फर्स्ट ईयर की परीक्षा में शामिल होने के लिए प्राइवेट छात्रों का रजिस्ट्रेशन होगा। यह प्रक्रिया अगस्त में शुरू होगी।